Padh Likh Ke

पढ़-लिख के, बड़ा होके तू एक किताब लिखना
अपने सवालों का तू ख़ुद ही जवाब लिखना
पढ़-लिख के, बड़ा होके तू एक किताब लिखना
अपने सवालों का तू ख़ुद ही जवाब लिखना

हाथों से जिनका दामन एक दिन है छूट जाना
तारों के डूबते ही जिनको है टूट जाना
ये आँखें देखती हैं क्यूँ ऐसे ख़्वाब लिखना
अपने सवालों का तू ख़ुद ही जवाब लिखना

मैंने तो प्यार को ही मज़हब बना लिया है
इस दिल को दिल की दुनिया का रब बना लिया है
ईमान हो गया क्या मेरा ख़राब लिखना
अपने सवालों का तू ख़ुद ही जवाब लिखना

कहते हैं लोग उनकी रस्मों को मैंने तोड़ा
ये फ़ैसला भी मैंने तेरी समझ पे छोड़ा
मेरी ख़ता का तू पूरा हिसाब लिखना



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, M M Kreem
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link