Bagiya Mein Mor

बगिया में मोर नाचे गाए नज़ारे सभी
मौजी, फिज़ाए, झूमें मस्त हवाएं सभी
बगिया में मोर नाचे गाए नज़ारे सभी

इन हवाओं ने कह दिया मुझको दीवाना
जाने कैसा छाया मुझपे नशा
एक बार जो तुमने मुझको देखा है
तेरे साथ है जीना मरना

नशा ये चाहत का मोहब्बत का नशा है
नशे में जाने मुझको क्या हो गया रे
न जानू मैं तो ख़ुद को जब से तूने जाना
नशे में जानें मुझको क्या हो गया

बगिया में मोर नाचे गाए नज़ारे सभी, हो
मौजी, फिज़ाए, झूमें मस्त हवाएं सभी

अनजानी हो गई मैं इन गलियों बज़ारों से
कुछ मेरा मुझ में ना रहा
कैसे बताऊं तुझको कहती क्या दिल की धड़कन
पंछी सा मन ये हो चला

तेरी इन आंखों में न जाने क्या नशा है
नशे में जाने मुझको क्या हो गया रे
खुशनुमाह सा जो अब तो हरसू ये समा है
नशे में जाने मुझको क्या हो गया हाअं हा

मिले फलक में है दोनों सितारें हाए हो
मौजी, फिज़ाए, झूमें मस्त हवाएं सभी

छोटी सी ख्वाहीश है मेरी जो तेरी चाहत है
चाहूं क्या तुझसे ज़िंदगी
तुझको जो देखूं तो मैं फूलों जैसी खिल जाऊं
तू मेरे ओंठो की हंसी

एक तू ही है जिसको मैंने चुन लिया है
एक तू ही है जो धड़कन को भा गया है
एक तू ही जो मेरे ख्वाबों को चुराके
बन गया है मेरे जीने की वजह हा

एक ही नदिया के दोनों किनारे हाए हो
बगिया में मोर नाचे गाए नज़ारे सभी
हां मौजी, फिज़ाए, झूमें मस्त हवाएं सभी हो
बगिया में मोर नाचे गाए नज़ारे सभी



Credits
Writer(s): Akhtar Qayyum
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link