Khat Maine Tere Naam Likha

जब ना माना दिल दीवाना
कलम उठा के, जान-ए-जानाँ
ख़त मैंने तेरे नाम लिखा
हाल-ए-दिल तमाम लिखा
ख़त मैंने तेरे नाम लिखा
हाल-ए-दिल तमाम लिखा

जब ना माना दिल दीवाना
कलम उठा के, जान-ए-जानाँ
ख़त मैंने तेरे नाम लिखा
हाल-ए-दिल तमाम लिखा
ख़त मैंने तेरे नाम लिखा
हाल-ए-दिल तमाम लिखा

काग़ज़ के इस टुकड़े को तुम दिल समझ लेना
काग़ज़ के इस टुकड़े को तुम दिल समझ लेना
जहाँ बूँद गिरी हो सिहाई की, उसे दिल समझ लेना

यादों में डुबके, काग़ज़ को चुमके
प्यार का तुझ को सलाम लिखा
हाल-ए-दिल तमाम लिखा
हाल-ए-दिल तमाम लिखा

जब ना माना दिल दीवाना
कलम उठा के, जान-ए-जानाँ
ख़त मैंने तेरे नाम लिखा
हाल-ए-दिल तमाम लिखा
ख़त मैंने तेरे नाम लिखा
हाल-ए-दिल तमाम लिखा

मैंने दिल से लाख कहा के इतना तड़पना ठीक नहीं
मैंने दिल से लाख कहा के इतना तड़पना ठीक नहीं
ऐसे किसी के प्यार में पागल तेरा मचलना ठीक नहीं

दिल बोला मजबूरी है, ख़त लिखना ज़रूरी है
दिल हुआ तेरा ग़ुलाम लिखा
हाल-ए-दिल तमाम लिखा
हाल-ए-दिल तमाम लिखा

जब ना माना दिल दीवाना
कलम उठा के, जान-ए-जानाँ
ख़त मैंने तेरे नाम लिखा
हाल-ए-दिल तमाम लिखा
ख़त मैंने तेरे नाम लिखा
हाल-ए-दिल तमाम लिखा

प्यार का ऐसा असर भी होगा, ये मुझे मालुम ना था
प्यार का ऐसा असर भी होगा, ये मुझे मालुम ना था
इतना दर्द-ए-जिगर भी होगा, ये मुझे मालूम ना था

मैंने दिल थाम के आज तेरे नाम से
प्यार का पहला पयाम लिखा
हाल-ए-दिल तमाम लिखा
हाल-ए-दिल तमाम लिखा

जब ना माना दिल दीवाना
कलम उठा के, जान-ए-जानाँ
ख़त मैंने तेरे नाम लिखा
हाल-ए-दिल तमाम लिखा
ख़त मैंने तेरे नाम लिखा
हाल-ए-दिल तमाम लिखा



Credits
Writer(s): Rathod Shrawan, Anwar Sagar, Nadeem Saifi
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