Qismat Ki Likhi Koi Baat Ho Tum

क़िस्मत में लिखी कोई बात हो तुम
तक़दीर की एक सौग़ात हो तुम

तुम से मिल के महसूस ये हो
सदियों से यूँ ही मेरे साथ हो तुम
तक़दीर की एक सौग़ात हो तुम
क़िस्मत में लिखी कोई बात हो तुम
तक़दीर की एक सौग़ात हो तुम

जब ज़ुल्फ़ बिखेरे चेहरे पे
जब ज़ुल्फ़ बिखेरे चेहरे पे
बाँहों में सिमट आती हो तुम
आँखों से उतर कर सीने में
साँसों से लिपट जाती हो तुम

बिन मौसम जो दिल पर बरसे
वो प्यार-भरी बरसात हो तुम
तक़दीर की एक सौग़ात हो तुम
क़िस्मत में लिखी कोई बात हो तुम
तक़दीर की एक सौग़ात हो तुम

शोलों की राहों से गुज़रे
शोलों की राहों से गुज़रे
तेरी बाँहों तक हम तब आए
इन बाँहों के साए-साए
अब सारी उम्र गुज़र जाए, गुज़र जाए

एक पल में बदल दे जो दुनिया
वो ख़्वाब, वही जज़्बात हो तुम
क़िस्मत में लिखी कोई बात हो तुम
तक़दीर की एक सौग़ात हो तुम

हर लम्हा प्यार के नाम लिखा
हर लम्हा प्यार के नाम लिखा
हर साँस अमानत प्यार की है
तुम पास रहो तो मेरे लिए
हर रुत १६ सिंगार की है, सिंगार की है

जिस रात में प्रीत बने दुल्हन
महकी वो सुहागन रात हो तुम
तुम से मिल के महसूस ये हो
सदियों से यूँ ही मेरे साथ हो तुम
तक़दीर की एक सौग़ात हो तुम

तक़दीर की एक सौग़ात हो तुम
तक़दीर की एक सौग़ात हो तुम
तक़दीर की एक सौग़ात हो तुम



Credits
Writer(s): Laxmikant Pyarelal, Faruk Kaiser
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link