Pehli Dafa

दिल कहे कहानियाँ पहली दफ़ा
अरमानों में रवानियाँ पहली दफ़ा

हो गया बेगाना मैं होश से पहली दफ़ा
प्यार को पहचाना, एहसास है ये नया

सुना है, सुना है
ये रस्में वफ़ा है
जो दिल पे नशा है
वो पहली दफ़ा है

सुना है, सुना है
ये रस्में वफ़ा है
जो दिल पे नशा है
वो पहली दफ़ा है

कभी दर्द सी, कभी ज़र्द सी
ज़िन्दगी बेनाम थी
कहीं चाहतें हुई मेहरबां
हाथ बढ़ के थामती

इक वो नज़र, इक वो निगाह
रूह में शामिल इस तरह
बन गया अफ़साना इक बात से पहली दफ़ा
पा लिया है ठिकाना
बाहों की है पनाह

सुना है, सुना है
ये रस्में वफ़ा है
जो दिल पे नशा है
वो पहली दफ़ा है

सुना है, सुना है (सुना है, सुना है)
ये रस्में वफ़ा है (ये रस्में वफ़ा है)
जो दिल पे नशा है (जो दिल पे नशा है)
वो पहली दफ़ा है (वो पहली दफ़ा है)

लगे बेवजह अल्फाज़ जो
वो ज़रूरत हो गए
तक़दीर के कुछ फैसले
जो गनीमत हो गए

बदला हुआ हर पल है
रहती खुमारी हर जगह
प्यार था अंजाना
हुआ साथ में पहली दफ़ा

ये असर अब जाना
क्या रंग है ये चढ़ा

सुना है, सुना है
ये रस्में वफ़ा है
जो दिल पे नशा है
वो पहली दफ़ा है

सुना है, सुना है
ये रस्में वफ़ा है
जो दिल पे नशा है
वो पहली दफ़ा है



Credits
Writer(s): Shakeel Sohail, Shiraz Uppal
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