Aadat - Remix

जुदा होके भी तू मुझमें कहीं बाकी है
पलकों में बनके आँसू तू चली आती है
जुदा होके भी तू मुझमें कहीं बाकी है
पलकों में बनके आँसू तू चली आती है
जुदा होके भी...

वैसे ज़िंदा हूँ में ज़िंदगी, बिन तेरे मैं
दर्द ही दर्द बाकी रहाँ है सीने में
साँस लेना बरहिर यहाँ जीना नहीं है
अब तो आदत सी है मुझको ऐसे जीने में

जुदा होके भी तू मुझमें कहीं बाकी है
पलकों में बनके आँसू तू चली आती है
जुदा होके भी...

साथ मेरे है तू हर पल, शब के अँधेरे में
पास मेरे है तू हरदम, उजले सवेरे में
दिल से धड़कन भुला देना, आसान नहीं है
अब तो आदत सी है मुझ को ऐसे जीने में

ये जो यादें है (ये जो यादें है), सभी काटे है
घटा दो इन्हें (घटा दो इन्हें), मिटा दो इन्हें

आ, आ
जुदा होके भी तू मुझमें कहीं...
पलकों में बनके आँसू तू चली आती है
जुदा होके भी...



Credits
Writer(s): Sayeed Quadri, Mithun Sharma, Jal Jal
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