Mangti Hai Pyasi Dharti

माँगती है प्यासी धरती बेगुनाह जानों का खून
माँगती है प्यासी धरती बेगुनाह जानों का खून
कोई पानी तो नहीं है, ये है इंसानों का खून
ये है इंसानों का खून
माँगती है प्यासी धरती बेगुनाह जानों का खून

एक सा है रंग सबका, फ़र्क कुछ भी तो नहीं
एक सा है रंग सबका, फ़र्क कुछ भी तो नहीं
देख लो चाहे मिलाकर अपनों-बेगानों का खून
अपनों-बेगानों का खून
माँगती है प्यासी धरती बेगुनाह जानों का खून

कत्ल कर देते मुझे तो माफ़ कर देता तुम्हें
कत्ल कर देते मुझे तो माफ़ कर देता तुम्हें
तुमने कर डाला है लेकिन मेरे अरमानों का खून
मेरे अरमानों का खून
माँगती है प्यासी धरती बेगुनाह जानों का खून

कब बुझेगी प्यास इसकी, क्या पता, किसको ख़बर
कब बुझेगी प्यास इसकी, क्या पता, किसको ख़बर
ये पिएगी और जाने कितने अनजानों का खून
कितने अनजानों का खून
माँगती है प्यासी धरती बेगुनाह जानों का खून

रंग लाएगा कभी हर एक कतरा खून का
रंग लाएगा कभी हर एक कतरा खून का
भूल के हर एक कतरे में है तूफ़ानों का खून
है ये तूफ़ानों का खून

माँगती है प्यासी धरती बेगुनाह जानों का खून
कोई पानी तो नहीं है, ये है इंसानों का खून
ये है इंसानों का खून
माँगती है प्यासी धरती बेगुनाह जानों का खून
माँगती है प्यासी धरती बेगुनाह जानों का खून



Credits
Writer(s): Shiv Hari, Anand Bakshi
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