Aap Ke Bheegi Hue Jism

आप के भीगे हुए जिस्म से आँच आती है
दिल को गरमाती है, जज़्बात को भड़काती है

आप के पास जो आएगा, पिघल जाएगा
इस हरारत से जो उलझेगा, वो जल जाएगा
आप के पास जो आएगा, पिघल जाएगा

आप का हुस्न वो शबनम है जो शोलों में पले
गर्म ख़ुशबुओं में, तपते हुए रंगों में ढले

किस का दिल है जो सँभाले से सँभल जाएगा?
आप के पास जो आएगा, पिघल जाएगा

होंठ हैं या किसी शायर की दुआओं का जवाब?
ज़ुल्फ़ है या किसी सावन के तलबगार का ख़्वाब?

ऐसे जल्वों को जो देखेगा, मचल जाएगा
आप के पास जो आएगा, पिघल जाएगा

इस क़दर हुस्न किसी एक में देखा ना सुना
उसका क्या कहना, जिसे आप ने हमराज़ चुना

उसकी तक़दीर का उनवान बदल जाएगा
आप के पास जो आएगा, पिघल जाएगा



Credits
Writer(s): Ravi, Ludiavani Sahir
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