Aaja Re Mere Pyar Ke Rahi

आजा रे मेरे प्यार के राही
राह निहारूँ बड़ी देर से
आजा रे मेरे प्यार के राही
राह निहारूँ बड़ी देर से
आजा रे...

जो चाँद बुलाए मैं तो नहीं बोलूँ
जो सूरज आए तो आँख नहीं खोलूँ
जो चाँद बुलाए मैं तो नहीं बोलूँ
जो सूरज आए तो आँख नहीं खोलूँ

मूँद के नैना मैं तिहारी
राह निहारूँ बड़ी देर से
आजा रे मेरे प्यार के राही
राह निहारूँ बड़ी देर से
आजा रे...

कहाँ है बसा दे, तन की ख़ुशबू से
घटा से मैं खेलूँ ज़ुल्फ़ तेरी छु के
कहाँ है बसा दे, तन की ख़ुशबू से
घटा से मैं खेलूँ ज़ुल्फ़ तेरी छु के

रूप का तेरे मैं पुजारी
राह निहारूँ बड़ी देर से

आजा रे मेरे प्यार के राही
राह निहारूँ बड़ी देर से
आजा रे...

कहीं भी रहूँगी, मैं हूँ तेरी छाया
तुझे मैंने पा के फिर भी नहीं पाया
कहीं भी रहूँगी, मैं हूँ तेरी छाया
तुझे मैंने पा के फिर भी नहीं पाया

देख मैं तेरी प्रीत की मारी
राह निहारूँ बड़ी देर से

आजा रे मेरे प्यार के राही
राह निहारूँ बड़ी देर से

आजा रे मेरे प्यार के राही
राह निहारूँ बड़ी देर से
आजा रे...



Credits
Writer(s): Chitragupta, Majrooh Sultanpuri
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