Phir Wohi Dard Hai Phir Wohi Jigar

फ़िर वही दर्द है, फ़िर वही जिगर
फ़िर वही रात है, फ़िर वही है डर
हम समझे, ग़म कर गया सफ़र
द्वार दिल का खुल गया, हाथी निकल गया
दुम रह गई मगर

फ़िर वही दर्द है, फ़िर वही जिगर
फ़िर वही रात है, फ़िर वही है डर
हम समझे, ग़म कर गया सफ़र
द्वार दिल का खुल गया, हाथी निकल गया
दुम रह गई मगर

हम तो समझे, दुश्मनों का हाथ कट गया
दो दिलों के बीच से पहाड़ हट गया
हम तो समझे, दुश्मनों का हाथ कट गया
दो दिलों के बीच से पहाड़ हट गया

ग़म के भारी दिन गए गुज़र
द्वार दिल का खुल गया, हाथी निकल गया
दुम रह गई मगर

फ़िर वही दर्द है, फ़िर वही जिगर
फ़िर वही रात है, फ़िर वही है डर

तू दुल्हन बनेगी और चढ़ेगी रागिनी
तू दुल्हन बनेगी और चढ़ेगी रागिनी
आई जाग के मधुर मिलन की चाँदनी
तू दुल्हन बनेगी और चढ़ेगी रागिनी
आई जाग के मधुर मिलन की चाँदनी

लेकिन थोड़ी रह गई कसर
द्वार दिल का खुल गया, हाथी निकल गया
दुम रह गई मगर

फ़िर वही दर्द है, फ़िर वही जिगर
फ़िर वही रात है, फ़िर वही है डर
हम समझे, ग़म कर गया सफ़र
द्वार दिल का खुल गया, हाथी निकल गया
दुम रह गई मगर

मैंने चाहा भूल जाऊँ, यूँ रहूँ ख़राब
पर तेरा ये हुस्न जैसे डाल में गुलाब
मैंने चाहा भूल जाऊँ, यूँ रहूँ ख़राब
पर तेरा ये हुस्न जैसे डाल में गुलाब

थोड़ा-थोड़ा है वही असर
द्वार दिल का खुल गया, हाथी निकल गया
दुम रह गई मगर

फ़िर वही दर्द है, फ़िर वही जिगर
फ़िर वही रात है, फ़िर वही है डर
हम समझे, ग़म कर गया सफ़र
द्वार दिल का खुल गया, हाथी निकल गया
दुम रह गई मगर



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Salil Choudhury
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