Sunwai

बिछड़ा हूँ खुद से मैं ज़रूर
राहों में खो कर कहीं दूर
देखूं फिर से आईने में
बातें छेड़ू अजनबी से
पूछूँ खुद से है चला कहाँ
दिल की सुनवाई है
कठेरे में मेरी परछाई है
पल ही हरजाई है
महँगी सज़ई की दुहही है
आँखों में छाई है तन्हाई
अंधेरोन की गहराई है
सुनवाई है

हो, सुनवाई है

बदले नज़ारे
बदली सी राहें
बदली है चाँद की रोशनी
गम के हैं साए अब दिल में
कहीं थे सफ़र में मंज़िलें छाए
जाने कब आशिक़ुई सादगी खो दिए सारे
ढूँढे दिल मंज़िलें फिर वोही
बन के इक अजनबी
खुद से ही लड़ाई है
कठेरे में मेरी परच्छाई है
दिल की सुनवाई है
महंगी सज़ा है की दुहाई है
आँखों में च्छाई है तन्हाई
अंधेरो की गहराई है
सुनवाई है

हो सुनवाई है

रिश्ते किनारे कल की है यादें
राहों मे हुंसफर छोड़ कर
खो दिए सारे अब दिल ने
अपना ही चेहरा खुद ना पहचाने
खोया हूँ ये कौन हूँ
क्या करूँ दिल नही जाने
ढूँढे कल की इनायत अभी
बनके एक अजनबी

खुद से ही लड़ाई है
कठेरे मे मेरी परछाई है
दिल की सुनवाई है
महंगी सज़ा है की दुहाई है
आँखों में छाई है तन्हाई
अंधेरो की गहराई है
सुनवाई है

हो, सुनवाई है



Credits
Writer(s): Naresh, Anand B Seshadri
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