Insaan Bano

निर्धन का घर लूटने वालों
लूट लो दिल का प्यार
प्यार वो धन है जिसके आगे
सब धन है बेकार, ओ

इंसान बनो, इंसान बनो
कर लो भलाई का कोई काम, इंसान बनो
दुनिया से चले जाओगे
रह जाएगा बस नाम, इंसान बनो

हो, इस बाग़ में सूरज भी निकलता है लिए ग़म
फूलों की हँसी देख के रो देती है शबनम
कुछ देर की खुशियाँ हैं तो कुछ देर का मातम

किस नींद में हो? किस नींद में हो?
जागो, ज़रा सोच लो अंजाम, इंसान बनो

हो, लाखों यहाँ शान अपनी दिखाते हुए आए
दम-भर के लिए नाच गए धूप में साए
वो भूल गए थे कि ये दुनिया है सराय

आता है कोई...
आता है कोई सुबह तो जाता है कोई शाम, इंसान बनो

हो, क्यूँ तुमने लगाए हैं यहाँ ज़ुल्म के डेरे?
धन साथ ना जाएगा, बने क्यूँ हो लुटेरे?
पीते हो ग़रीबों का लहू शाम-सवेरे

खुद पाप करो...
खुद पाप करो, नाम हो शैतान का बदनाम, इंसान बनो
इंसान बनो, कर लो भलाई का कोई काम, इंसान बनो
दुनिया से चले जाओगे, रह जाएगा बस नाम, इंसान बनो



Credits
Writer(s): Naushad
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