Kehta Hai Ye Mausam

कहते हैं यह मौसम
छ रहीं हैं कहीं पे घटा
कहते हैं यह मौसम
छ रहीं हैं कहीं पे घटा
पंछी गा रहे हैं
इनसे पूछूँगी तेरा पता
मेरी जुल्फों को छेड़े
दीवानी यह पागल हवा
सपने साजन के
दे रहे अब हमको सदा
कहते हैं यह मौसम
छ रहीं हैं कहीं पे घटा

भँवरे तराने गए
गाके हमें सुनाए
फूलों का दिल हैं जवान
आई जवानी आयी
क्या रुत सुहानी आयी
कितना हसीं है समां
ऐसे में जी करता हैं
करने को कोई खता
कहता है यह मौसम
छ रहीं हैं कहीं पे घटा
पंछी गा रहे हैं
इनसे पूछूँगी तेरा पता
सपने साजन के
दे रहे अब हमको सदा

अपना बनाऊँगी मैं
दिल में बसाउंगी मैं
जब वह मिलेगा मुझे
किसकी दीवानी हूँ मैं
किसकी कहानी हूँ मैं
कैसे बताऊँ तुझे
आज नहीं तो
कल मिल जाएगा उसका पता
कहते हैं यह मौसम
छ रहीं हैं कहीं पे घटा
पंछी गा रहे हैं
इनसे पूछूँगी तेरा पता
सपने साजन के
दे रहे अब हमको सदा
मेरी जुल्फों को छेड़े
दीवानी यह पागल हवा
सपने साजन के
दे रहे अब हमको सदा
सपने साजन के
दे रहे अब हमको सदा.



Credits
Writer(s): Nadeem - Shravan, Sameer
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