Teri Nigah Pe Sab Kuchh, Pt. 2

तेरी निगाह पे सब कुछ लुटाने आए हैं
(तेरी निगाह पे सब कुछ लुटाने आए हैं)
तेरी निगाह पे सब कुछ लुटाने आए हैं
तुझे जो क़ौल दिया था निभाने आए हैं
(तेरी निगाह पे सब कुछ लुटाने आए हैं)

ज़माने भर के सितम भी जिसे झुका ना सके (ना सके)
ज़माने भर के सितम भी जिसे झुका ना सके
ज़माने भर के सितम भी, ज़माने भर के सितम भी
ज़माने भर के सितम भी जिसे झुका ना सके

ना हम जहाँ, ना जहाँ की किसी जफ़ा से डरे
ना ज़िंदगी से डरे हम, ना हम कज़ा से डरे
डरे अगर तो खुदा से डरे, खुदा है गवाह
हमें डराने जो आए ज़रा खुदा से डरे

(ज़माने भर के सितम भी)
ज़माने भर के सितम भी
(ज़माने भर के सितम भी जिसे झुका ना सके)
(ना सके, ना सके)

तेरे हुज़ूर वही सर झुकाने आए हैं
तेरे हुज़ूर वही सर झुकाने आए हैं
(तेरी निगाह पे सब कुछ लुटाने आए हैं)
(तेरी निगाह पे सब कुछ लुटाने आए हैं)

हमारी दुनियाँ जो दुनियाँ ने लूट ली मिलकर
(हमारी दुनियाँ जो दुनियाँ ने लूट ली मिलकर)
तेरे जहाँ से तबियत उखड़ ना जाए कहीं
बनी थी बात जो अब तक बिगड़ ना जाए कहीं

फ़िर एक फूल खिला है वफ़ा के गुलशन में
भरी बहार में गुलशन उजड़ ना जाए कहीं

(हमारी दुनियाँ) हमारी दुनियाँ
(हमारी दुनियाँ) दुनियाँ, दुनियाँ
(हमारी दुनियाँ जो दुनियाँ ने लूट ली मिलकर)
(मिलकर, हाँ मिलकर)

वही लुटी हुई दुनियाँ बसाने आए हैं
(वही लुटी हुई दुनियाँ बसाने आए हैं)
तेरी निगाह पे सब कुछ लुटाने आए हैं
(तुझे जो क़ौल दिया था निभाने आए हैं)

जो वादा तुझसे किया था निभाने आए हैं
(तेरी निगाह पे सब कुछ लुटाने आए हैं)
आ... (तेरी निगाह पे सब कुछ लुटाने आए हैं)
(तेरी निगाह पे सब कुछ लुटाने आए हैं)



Credits
Writer(s): Laxmikant Pyarelal, Hasan Kamaal
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