Sapne Suhane Ladakpan Ke

सपनें सुहाने लड़कपन के
मेरे नैनों में डोले बहार बन के
सपनें सुहाने लड़कपन के
मेरे नैनों में डोले बहार बन के

जब छाए घटा मतवारी
मेरे दिल पे चलाए आरी
जब छाए घटा मतवारी
मेरे दिल पे चलाए आरी

घबराए अकेले मनवा
मैं ले के जवानी हारी
घबराए अकेले मनवा
मैं ले के जवानी हारी

कैसे कटे दिन ये उलझन के?
कोई ला दे जमाने वो बचपन के
सपनें सुहाने लड़कपन के
मेरे नैनों में डोले बहार बन के

जब दूर पपीहा बोले
दिल खाए मेरा हिचकोले
जब दूर पपीहा बोले
दिल खाए मेरा हिचकोले

मैं लाज से मर-मर जाऊँ
जब फूल पे भँवरा डोले
मैं लाज से मर-मर जाऊँ
जब फूल पे भँवरा डोले

छेड़े पवनियाँ तराने मन के
मुझे भाए ना ये रंग जीवन के
सपनें सुहाने लड़कपन के
मेरे नैनों में डोले बहार बन के



Credits
Writer(s): Shakeel Badayuni, Hemant Kumar
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