In Baharon Men

इन बहारों में अकेले ना फिरो
राह में काली घटा रोक ना ले
मुझको ये काली घटा रोकेगी क्या
ये तो खुद है मेरी ज़ुल्फ़ों के तलें
इन बहारों में अकेले ना फिरो

ये फ़िज़ाएँ, ये नज़ारें शाम के
सारे आशिक़ हैं तुम्हारे नाम के
ये फ़िज़ाएँ, ये नज़ारें शाम के
सारे आशिक़ हैं तुम्हारे नाम के

फूल कहती है, हो-ओ-हो-ओ-हो
फूल कहती है तुम्हें बाद-ए सबा
...तुम्हें बाद-ए सबा
देखना बाद-ए-सबा रोक ना ले

इन बहारों में अकेले ना फिरो
राह में काली घटा रोक ना ले
मुझको ये काली घटा रोकेगी क्या

मेरे क़दमों से बहारों की गली
मेरा चेहरा देखती है हर कली
मेरे क़दमों से बहारों की गली
मेरा चेहरा देखती है हर कली

जानते हैं सब, हो-ओ-हो-ओ-हो
जानते हैं सब मुझे गुलज़ार में
...मुझे गुलज़ार में
रंग सबको मेरे होठों से मिले

इन बहारों में अकेले ना फिरो
राह में काली घटा रोक ना ले
मुझको ये काली घटा रोकेगी क्या

बात ये है, क्यूँ किसी का नाम लूँ?
हो ना ऐसा मैं ही दामन थाम लूँ
बात ये है, क्यूँ किसी का नाम लूँ?
हो ना ऐसा मैं ही दामन थाम लूँ

जा रही हो तुम, हो-ओ-हो-ओ-हो
जा रही हो तुम बड़े अंदाज़ से
...बड़े अंदाज़ से
मेरी चाहत की सदा रोक ना ले

इन बहारों में अकेले ना फिरो
राह में काली घटा रोक ना ले



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Roshan
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