Ruk Ja Zara Kidhar Ko Chala

रुक जा ज़रा, हा, किधर को चला? हा
रुक जा ज़रा, किधर को चला?
मैं सदके तेरे पे बाबू रे, बाबू रे, बाबू रे
Hey, बाबू रे, बाबू रे, बाबू रे

रुक जा ज़रा, हा, किधर को चला? हा
रुक जा ज़रा, किधर को चला?
मैं सदके तेरे पे बाबू रे, बाबू रे, बाबू रे
Hey, बाबू रे, बाबू रे, बाबू रे

रुक जा, ओ, दीवाने फिर पछताएगा
ऐसी चाहने वाली कहीं ना पाएगा
रुक जा, ओ, दीवाने फिर पछताएगा
ऐसी चाहने वाली कहीं ना पाएगा

ठीक नहीं तरसाना, छोड़ भी दे तड़पाना
कर ले यहीं ठिकाना, मत शरमा दुनिया से
बाबू रे, बाबू रे, बाबू रे
Hey, बाबू रे, बाबू रे, बाबू रे

बाट चले तू ऐसे, जैसे मोर चले
तेरे रूप के आगे कोई ना ज़ोर चले
बाट चले तू ऐसे, जैसे मोर चले
तेरे रूप के आगे कोई ना ज़ोर चले

हाय, तेरी जवानी अलबेली-मस्तानी
हो गई मैं दीवानी तुझसे आँख मिला के
बाबू रे, बाबू रे, बाबू रे
Hey, बाबू रे, बाबू रे, बाबू रे

लूट के दिल को मेरे क्यूँ अँधेर करे?
यही है रुत मिलने की काहे देर करे?
लूट के दिल को मेरे क्यूँ अँधेर करे?
यही है रुत मिलने की काहे देर करे?

सुन ले मेरी दुहाई, कर ले आज सगाई
थाम ले नरम कलाई गोरा हाथ बढ़ा के
बाबू रे, बाबू रे, बाबू रे
Hey, बाबू रे, बाबू रे, बाबू रे

रुक जा ज़रा, हा, किधर को चला? हा
रुक जा ज़रा, किधर को चला?
मैं सदके तेरे पे बाबू रे, बाबू रे, बाबू रे
बाबू रे, बाबू रे, बाबू रे



Credits
Writer(s): Laxmikant Pyarelal, Ludiavani Sahir
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link