Ro Na Kabhi Nahin Rona

रो ना, कभी नहीं रोना
चाहे टूट जाए कोई खिलौना, खिलौना
सोना, चुपके से सोना
चाहे टूट जाए सपना सलोना, सलोना

ला-ला, ल-ल-ल-ल-लल्ला
ल-ल-ल-ल-लल्ला, ला-ल-ला-लल्ला
रू-रू-रू-रू (लल्ला)

दुख-सुख की क्या बात है
क्या दिन है, क्या रात है
आँसू भी मुस्कान बनें
ये तो अपने हाथ हैं

आशाओं की डोरी में सदा
तुम मन के फूल पिरोना

रो ना, कभी नहीं रोना
चाहे टूट जाए कोई खिलौना, खिलौना

लल्ला, ल-ल-ल-ल-लल्ला
ल-ल-ल-ल-लल्ला, ला-ल-ला-लल्ला
रू-रू-रू-रू (लल्ला)

देखो, बच्चों, बाग़ में
सब कलियाँ नहीं खिलती
दुनिया में इंसान को
सब चीज़ें नहीं मिलती

जो अपना नहीं, तुम उसके लिए
जो अपना है नहीं खोना

रो ना, कभी नहीं रोना
चाहे टूट जाए कोई खिलौना, खिलौना

लल्ला, ल-ल-ल-ल-लल्ला
ल-ल-ल-ल-लल्ला, ला-ल-ला-लल्ला
रू-रू-रू-रू (लल्ला)

लल-लल-लल, लल-लल-लल-लल
लल-लल-लल-लल-ला

रंग से और ना धाम से
ज़ात से और ना नाम से
इज़्ज़त मिलती है यहाँ
देखो अच्छे काम से

कोई काम बुरा तुम मत करना
बदनाम कभी नहीं होना

रो ना, कभी नहीं रोना
चाहे टूट जाए कोई खिलौना, खिलौना
सोना, चुपके से सोना
चाहे टूट जाए सपना सलोना, सलोना
रो ना (ज्यादा नहीं रोना)
चाहे टूट जाए (कोई खिलौना), खिलौना

लल्ला, ल-ल-ल-ल-लल्ला
ल-ल-ल-ल-लल्ला, ला-ल-ला-लल्ला
लल-लल-लल्ला (लल्ला)



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Rahul Dev Burman
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