Chhod De Sari Duniya

कहाँ चला, ऐ मेरे जोगी, जीवन से तू भाग के?
किसी एक दिल के कारण यूँ सारी दुनिया त्याग के

छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए
ये मुनासिब नहीं आदमी के लिए
प्यार से भी ज़रूरी कई काम हैं
प्यार सब कुछ नहीं ज़िंदगी के लिए
छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए

तन से तन का मिलन हो ना पाया तो क्या?
मन से मन का मिलन कोई कम तो नहीं
मन से मन का मिलन कोई कम तो नहीं

खुशबू आती रहे दूर ही से सही
सामने हो चमन, कोई कम तो नहीं
सामने हो चमन, कोई कम तो नहीं

चाँद मिलता नहीं सबको संसार में
है दीया ही बहुत रोशनी के लिए
छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए

कितनी हसरत से तकती हैं कलियाँ तुम्हें
क्यूँ बहारों को फिर से बुलाते नहीं?
क्यूँ बहारों को फिर से बुलाते नहीं?
एक दुनिया उजड़ ही गई है तो क्या?
दूसरा तुम जहाँ क्यूँ बसाते नहीं?

दिल ना चाहे भी तो साथ संसार के
चलना पड़ता है सबकी खुशी के लिए
छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए



Credits
Writer(s): Anandji V Shah, Kalyanji Virji Shah, Indeewar
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