Yaad Men Teri Jaag Jaag Ke Hum

याद में तेरी जाग-जाग के हम
रात-भर करवटें बदलते हैं
हर घड़ी दिल में तेरी उल्फ़त के
धीमे-धीमे चराग़ जलते हैं

जब से तूने निगाह फेरी है
दिन है सूना तो रात अँधेरी है

चाँद भी अब नज़र नहीं आता
अब सितारे भी कम निकलते हैं
याद में तेरी जाग-जाग के हम
रात-भर करवटें बदलते हैं

लुट गई वो बहार की महफ़िल
छुट गई हम से प्यार की मंज़िल

ज़िंदगी की उदास राहों में
तेरी यादों के साथ चलते हैं
याद में तेरी जाग-जाग के हम
रात-भर करवटें बदलते हैं

तुझको पाकर हमें बहार मिली
तुझसे छुट कर मगर ये बात खुली

बाग़बाँ भी चमन के फूलों को
अपने पैरों से ख़ुद मसलते हैं
याद में तेरी जाग-जाग के हम
रात-भर करवटें बदलते हैं

क्या कहें, तुझसे क्यूँ हुई दूरी
हम समझते हैं अपनी मजबूरी

तुझको मालूम क्या कि तेरे लिए
दिल के ग़म आँसुओं में ढलते हैं
याद में तेरी जाग-जाग के हम
रात-भर करवटें बदलते हैं
हर घड़ी दिल में तेरी उल्फ़त के
धीमे-धीमे चराग़ जलते हैं



Credits
Writer(s): Shakeel Badayuni, Naushad
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