Sunayana

सुनैना, सुनैना
सुनैना, सुनैना

आज इन नज़ारों को तुम देखो
हो-हो, आज इन नज़ारों को तुम देखो
और मैं तुम्हें देखते हुए देखूँ
मैं बस तुम्हें देखते हुए देखूँ

आज इन नज़ारों को तुम देखो
ओ-ओ, आज इन नज़ारों को तुम देखो
और मैं तुम्हें देखते हुए देखूँ
मैं बस तुम्हें देखते हुए देखूँ

प्यारी हैं फूलों की पंखुरियाँ
पर तेरी पलकों से प्यारी कहाँ
फूलों की खुशबू से की दोस्ती
थी इन की रंगों से यारी कहाँ

सुनैना, सुनैना
आज खिले फूलों को तुम देखो
हो-ओ, आज खिले फूलों को तुम देखो
और मैं तुम्हें देखते हुए देखूँ
मैं बस तुम्हें देखते हुए देखूँ

ऊँचे महल के झरोकें से तुम
अंबर की शोभा निहारों ज़रा
रंगों से रंगों का ये मेल जो
आँखों से मन में उतारों ज़रा

सुनैना, सुनैना
दूर आसमानों को तुम देखो
हो-ओ, दूर आसमानों को तुम देखो
और मैं तुम्हें देखते हुए देखूँ
मैं बस तुम्हें देखते हुए देखूँ

लो दिन ढला, रात होने लगी
तारों की दुनिया में खो जाओ तुम
मैं जाग कर तुमको देखा करूँ
सो जाओ तुम, थोड़ा सो जाओ तुम

सुनैना, सुनैना
आज मेरे सपनों को तुम देखो
हो-ओ, आज मीठे सपनों को तुम देखो
और मैं तुम्हें देखते हुए देखूँ
मैं बस तुम्हें देखते हुए देखूँ
और मैं तुम्हें देखते हुए देखूँ
मैं बस तुम्हें देखते हुए देखूँ



Credits
Writer(s): Ravindra Jain
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