Jab Se Dekha Hai Tumhen

ओ, जब से देखा है तुझे, ऐसा लगता है मुझे
तेरे होंठों की हँसी से कोई रिश्ता है मेरा
जब से देखा है तुझे, ऐसा लगता है मुझे
तेरे होंठों की हँसी से कोई रिश्ता है मेरा
जब से देखा है तुझे...

देखकर तुझको किसी ख़्वाब की याद आती है
मेरी क़िस्मत के अंधेरों ने जिसे छीन लिया
उसी खोए हुए महताब की याद आती है
उसी खोए हुए महताब की याद आती है

जब से देखा है तुझे, ऐसा लगता है मुझे
तेरे होंठों की हँसी से कोई रिश्ता है मेरा
जब से देखा है तुझे...

तू मोहब्बत के फ़रिश्ते की तरह आया है
तेरे आते ही बदलने लगी दुनिया मेरी
जैसे वीराने में पैग़ाम-ए-वफ़ा आया है
जैसे वीराने में पैग़ाम-ए-वफ़ा आया है

जब से देखा है तुझे, ऐसा लगता है मुझे
तेरे होंठों की हँसी से कोई रिश्ता है मेरा
जब से देखा है तुझे...



Credits
Writer(s): Nida Fazli, Khayyam
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