Parbat Ke Us Paar

सा रे गा मा पा धा नि

पर्बत के इस पार, पर्बत के उस पार
गूँज उठी छम-छम, छम-छम...
गूँज उठी छम-छम-छम मेरी पायल की झंकार
गूँज उठी छननन-छननन मेरी पायल की झंकार

पर्बत के इस पार, पर्बत के उस पार
गूँज उठी छम-छम-छम मेरी पायल की झंकार

मुख पे पड़ी थी कब से चुप की एक ज़ंजीर
हो, मुख पे पड़ी थी कब से चुप की एक ज़ंजीर
मंदिर में चुप-चाप खड़ी थी मैं बन के तस्वीर

आ, चल गा, मैं साथ हूँ तेरे
छेड़ दिए हैं सरस्वती देवी ने तार सितार

पर्बत के इस पार, पर्बत के उस पार
गूँज उठी छम-छम-छम तेरी पायल की झंकार

ग़म इक चिट्ठी जिसमें ख़ुशियों का संदेस
ग़म इक चिट्ठी जिसमें ख़ुशियों का संदेस
गीत तभी मन से उठता है, जब लगती है ठेस

आ, चल गा, मैं साथ हूँ तेरे
लय ना टूटे, ताल ना छूटे, छूटे ये संसार

पर्बत के इस पार, पर्बत के उस पार
गूँज उठी छम-छम-छम तेरी पायल की झंकार

फूल बने हैं घुँघरू, घुँघरू बन गए फूल
हो, फूल बने हैं घुँघरू, घुँघरू बन गए फूल
टूट के पाँव में सब कलियाँ बिछ गईं बनकर धूल

ता-थैया, ता-थैया
देखो, झूम के नाच उठी है
मेरे अंग संग मस्त बहार

पर्बत के इस पार, पर्बत के उस पार
गूँज उठी छम-छम-छम मेरी पायल की झंकार
गूँज उठी छननन-छननन मेरी पायल की झंकार



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Kudalkar Laxmikant, Pyarelal Ramprasad Sharma
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