Kesariya Balma, Pt. 2

केसरिया
बालमा मोहे
बाँवरी बोले लोग, लोग रे, बाँवरी बोले लोग
ना मैं जिउती ना मरियो मैं, ना मैं जिउती ना मरियो मैं
बिरहा म्हारो रोग रे

बाँवरी बोले लोग, लोग रे, बाँवरी बोले लोग
केसरिया बालमा मोहे, बाँवरी बोले लोग
लोग रे, बाँवरी बोले लोग
केसरिया

चढ़ते दिन की, आँच बटोरूँ
तिल तिल, तिल तिल, सब जल जाऊँ

ढलते साँझ की, राख कुरेदूँ
रेत में, रेत में सब रल जाये
ना मिल पायी, ना बिछुड़ी मैं
ना मिल पायी, ना बिछुड़ी मैं
कैसो ये संजोग रे

बाँवरी बोले लोग
लोग रे, बाँवरी बोले लोग

केसरिया बालमा मोहे
बाँवरी बोले लोग
लोग रे, बाँवरी बोले लोग
केसरिया

म्हारो थल की, लाम्बी छायियाँ
निस दिन, निस दिन कुछ लिख जाऊँ

मेरो सन्देसो, कोई सुणा जो
जिस को वो, जिस को वो दिख जाये

प्रीत को देखे, नगरी वाले
प्रीत को देखे, नगरी वाले
पीड न देखे, लोग रे

बाँवरी बोले लोग
लोग रे, बाँवरी बोले लोग

ना मैं जिउती, ना मरियो मैं, ना मैं जिउती, ना मरियो मैं
बिरहा म्हारो रोग रे

बाँवरी बोले लोग, लोग रे, बाँवरी बोले लोग
केसरिया, बालमा मोहे, बाँवरी बोले लोग
लोग रे, बाँवरी बोले लोग
केसरिया



Credits
Writer(s): Gulzar, Hridaynath Mangeshkar
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