Sard Shab Chandani

सर्द शब, चाँदनी का डेरा था
सर्द शब, चाँदनी का डेरा था
मय जो पी, क्या क़ुसूर मेरा था?
सर्द शब, चाँदनी का डेरा था
मय जो पी, क्या क़ुसूर मेरा था?
सर्द शब, चाँदनी का डेरा था

ख़्वाब-ए-जानाँ में यूँ मदहोश रहे
ख़्वाब-ए-जानाँ में यूँ मदहोश रहे
ख़्वाब-ए-जानाँ में यूँ मदहोश रहे

होश में आए तो सवेरा था
होश में आए तो सवेरा था
मय जो पी, क्या क़ुसूर मेरा था?
सर्द शब, चाँदनी का डेरा था

रुख़-ए-रौशन ना था मुक़द्दर में
रुख़-ए-रौशन ना था मुक़द्दर में
रुख़-ए-रौशन ना था मुक़द्दर में

बस सियाह ज़ुल्फ़ सा अँधेरा था
बस सियाह ज़ुल्फ़ सा अँधेरा था
मय जो पी, क्या क़ुसूर मेरा था?
सर्द शब, चाँदनी का डेरा था

अब का पंछी भी बेवफ़ा कितना
अब का पंछी भी बेवफ़ा कितना
अब का पंछी भी बेवफ़ा कितना

शाख़ भुला जहाँ बसेरा था
शाख़ भुला जहाँ बसेरा था
मय जो पी, क्या क़ुसूर मेरा था?
सर्द शब, चाँदनी का डेरा था
मय जो पी, क्या क़ुसूर मेरा था?
सर्द शब, चाँदनी का डेरा था
सर्द शब, चाँदनी का डेरा था



Credits
Writer(s): Sudeep Banerji, R K Mathur
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