Oh Re Taal Mile Nadi Ke Jal Mein

ओह रे, ताल मिले नदी के जल में, नदी मिले सागर में
सागर मिले कौन से जल में, कोई जाने ना
ओह रे, ताल मिले नदी के जल में...

सूरज को धरती तरसे, धरती को चंद्रमा
धरती को चंद्रमा
पानी में सीप जैसे प्यासी हर आत्मा
प्यासी हर आत्मा

ओ, मितवा रे
पानी में सीप जैसे प्यासी हर आत्मा
बूँद छुपी किस बादल में, कोई जाने ना

ओह रे, ताल मिले नदी के जल में, नदी मिले सागर में
सागर मिले कौन से जल में, कोई जाने ना
ओह रे, ताल मिले नदी के जल में...

अनजाने होंठों पर क्यूँ पहचाने गीत हैं
पहचाने गीत हैं
कल तक जो बेगाने थे, जन्मों के मीत हैं
जन्मों के मीत हैं

ओ, मितवा रे
कल तक जो बेगाने थे, जन्मों के मीत हैं
क्या होगा, कौन से पल में, कोई जाने ना

ओह रे, ताल मिले नदी के जल में, नदी मिले सागर में
सागर मिले कौन से जल में, कोई जाने ना
ओह रे, ताल मिले नदी के जल में...



Credits
Writer(s): Roshan, Indeewar
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