Ek Villain Mashup (Mashup By Dj Kiran Kamath)

गलियाँ...
यहीं डूबे दिन मेरे

हो..., हाँ, किसी शायर की ग़ज़ल
यहीं डूबे दिन मेरे
तेरे इश्क़ ने

पल-दो-पल की क्यूँ है ज़िंदगी?
इस प्यार को है सदियाँ काफ़ी नहीं
है सिला तू मेरे दर्द का
मेरे दिल की दुआएँ हैं

तेरी गलियाँ, गलियाँ तेरी गलियाँ
मुझ को भावे गलियाँ तेरी गलियाँ
तेरी गलियाँ, गलियाँ तेरी गलियाँ
यूँ ही तड़पावे गलियाँ तेरी गलियाँ

गलियाँ...
यहीं डूबे दिन मेरे
मैं अधूरा...

मुस्काता ये चेहरा देता है जो पहरा (चेहरा)
जाने छुपाता क्या दिल का समंदर
गलियाँ...

औरों को तो हरदम साया देता है (हरदम)
वो धूप में है खड़ा खुद मगर
गलियाँ...

तो ख़ुदा से माँग लूँ मोहलात मैं इक नई
रहना है बस यहाँ, अब दूर तुझ से जाना नहीं

तेरी बाँहों में जो सुकूँ था मिला
जैसे बंजारे को घर

अँधेरों से था मेरा रिश्ता बड़ा
तूने ही उजालों से वाक़िफ़ किया
अब लौटा मैं हूँ इन अँधेरों में फिर
तो पाया है खुद को बेगाना यहाँ

लौटूँगा यहाँ तेरे पास मैं, हाँ
वादा है मेरा, मर भी जाऊँ कहीं

जो तू मेरा हमदर्द है
जो तू मेरा हमदर्द है
सुहाना हर दर्द है
जो तू मेरा हमदर्द है

गलियाँ...
यहीं डूबे दिन मेरे



Credits
Writer(s): Mithoon, Manoj Muntashir, Ankit Tiwari, Rabbi Ahmed, Adnan Dhool Soch
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