Ae Bhai Zara Dekh Ke Chalo

ए भाई, ज़रा देख के चलो
आगे ही नहीं, पीछे भी
दायें ही नहीं, बायें भी

ऊपर ही नहीं
नीचे भी
ए भाई...
ए भाई, ज़रा देख के चलो
आगे ही नहीं, पीछे भी
दायें ही नहीं, बायें भी
ऊपर ही नहीं
नीचे भी
ए भाई...
तू जहाँ आया है
वो तेरा
घर नहीं, गली नहीं, गाँव नहीं

कूचा नहीं, बस्ती नहीं, रस्ता नहीं
दुनिया है
और प्यारे

दुनिया ये circus है
और cirsus में
बड़े को भी, छोटे को भी, खरे को भी
खोटे को भी, दुबले भी, मोटे को भी

नीचे से ऊपर को, ऊपर से नीचे को
आना-जाना पड़ता है

और ring master के कोड़े पर
कोड़ा जो भूख है
कोड़ा जो पैसा है
कोड़ा जो क़िस्मत है
तरह-तरह नाच के दिखाना यहाँ पड़ता है
बार-बार रोना और गाना यहाँ पड़ता है
hero से

hero से जोकर बन जाना पड़ता है
ए भाई...
ए भाई, ज़रा देख के चलो

आगे ही नहीं, पीछे भी
दायें ही नहीं, बायें भी
ऊपर ही नहीं
नीचे भी

ए भाई...

गिरने से डरता है क्यों
मरने से डरता है क्यों
ठोकर तू जब तक न खाएगा
पास किसी ग़म को न जब तक बुलाएगा
ज़िन्दगी है चीज़ क्या नहीं जान पायेगा
रोता हुआ आया है
रोता चला जाएगा
ए भाई
ए भाई, ज़रा देख के चलो
आगे ही नहीं, पीछे भी
दायें ही नहीं, बायें भी
ऊपर ही नहीं
नीचे भी

ए भाई...

ए भाई, ज़रा देख के चलो
आगे ही नहीं, पीछे भी
दायें ही नहीं, बायें भी
ऊपर ही नहीं

नीचे भी
ए भाई...
क्या है करिश्मा
कैसा खिलवाड़ है
जानवर आदमी से ज़्यादा वफ़ादार है
खाता है कोड़ा भी
रहता है भूखा भी
फिर भी वो मालिक पे करता नहीं वार है
और इनसान ये
माल जिसका खाता है
प्यार जिस से पाता है
गीत जिस के गाता है
उसके ही सीने में भौंकता कटार है
माल जिसका खाता है
प्यार जिस से पाता है
गीत जिस के गाता है
उसके ही सीने में भौंकता कटार है
ए भाई
ए भाई, ज़रा देख के चलो
आगे ही नहीं, पीछे भी
दायें ही नहीं, बायें भी
ऊपर ही नहीं
नीचे भी
ए भाई...

circus ha ha ha ha
हाँ बाबू,
ये circus है show तीन घंटे का

पहला घंटा बचपन है
दूसरा जवानी है
तीसरा बुढ़ापा है
और उसके बाद
माँ नहीं, बाप नहीं
बेटा नहीं, बेटी नहीं
तू नहीं मैं नहीं
ये नहीं, वो नहीं
कुछ भी
कुछ भीनहीं रहता है
रहता है जो कुछ वो
ख़ाली-ख़ाली कुर्सियाँ हैं
ख़ाली-ख़ाली तम्बू है
ख़ाली-ख़ाली घेरा है
बिना
चिड़िया का
बसेरा है
ना तेरा है
ना मेरा है



Credits
Writer(s): Neeraj, Jaikshan Shankar
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