Insaaf Ka Mandir Hai (From "Amar")

इन्साफ का मंदिर है ये

भगवान का घर है

इन्साफ का मंदिर है ये भगवान का घर है
कहना है जो कह दे तुझे किस बात का डर है

है पास तेरे जिसकी अमानत उसे दे दे
है पास तेरे जिसकी अमानत उसे दे दे
निर्धन भी है
निर्धन भी है इंसान, मोहब्बत उसे दे दे
मोहब्बत उसे दे दे
जिस दर पे सभी एक हैं बन्दे, ये वो दर है
इन्साफ का मंदिर है ये भगवान का घर है

मायूस ना हो हार के तक़दीर की बाज़ी
प्यारा है वो गम जिसमें हो भगवान भी राज़ी
दुःख दर्द मिले
दुःख दर्द मिले जिसमें, वही प्यार अमर है
वही प्यार अमर है
ये सोच ले हर बात की दाता को खबर है
इन्साफ का मंदिर है ये भगवान का घर है
इन्साफ का मंदिर है ये भगवान का घर है



Credits
Writer(s): Shakeel Badayuni, Naushad
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