Yeh Wadiyan Yeh Fizayen

ये वादियाँ, ये फ़िज़ाएँ बुला रही हैं तुम्हें
ये वादियाँ, ये फ़िज़ाएँ बुला रही हैं तुम्हें
ख़ामोशियों की सदाएँ बुला रही हैं तुम्हें
ये वादियाँ, ये फ़िज़ाएँ बुला रही हैं तुम्हें

तुम्हारी ज़ुल्फ़ों से ख़ुशबू की भीख लेने को
झुकी-झुकी सी घटाएँ बुला रही हैं तुम्हें
ख़ामोशियों की सदाएँ बुला रही हैं तुम्हें
ये वादियाँ, ये फ़िज़ाएँ बुला रही हैं तुम्हें

हसीन चंपई पैरों को जब से देखा है
नदी की मस्त अदाएँ बुला रही हैं तुम्हें
ख़ामोशियों की सदाएँ बुला रही हैं तुम्हें
ये वादियाँ, ये फ़िज़ाएँ बुला रही हैं तुम्हें

मेरा कहा ना सुनो, इनकी बात तो सुन लो
हर एक दिल की दुआएँ बुला रही हैं तुम्हें
ख़ामोशियों की सदाएँ बुला रही हैं तुम्हें
ये वादियाँ, ये फ़िज़ाएँ...



Credits
Writer(s): Ravi, Sahir Ludhianvi
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