Tum Hi Se

रात चाँदनी छाई हुई है
चमक रहा है तारा
ठंडी-ठंडी ये पुरवाई
सोचो, किसने बनाया, हो-हो

तुम ही हो पहले, तुम ही हो आख़िर
तुम ही से सारा जहाँ
तुम ही से माँ-बाप, तुम ही से बचपन
तुम ही से समाँ

पेड़, परिंदे, पानी का झरना
तुम से चमन का महकना
नीले-पीले फूलों में भँवरों
का है ये ही गुनगुनाना, हो-हो

तुम ही से शबनम, तुम ही से ख़ुशबू
तुम ही से है ये बहार
तुम ही से झोंके मस्त हवा के
तुम ही से फ़िज़ा

दोनों जहाँ का तू है उजाला
रब, तूने है हम को पाला
तेरा है अंबर, तेरी है धरती
तेरा है ये जग सारा, हो-हो

तुम ही से बादल, तुम ही से सावन
तुम ही से है ये घटा
तुम ही से बिजली, तुम ही से तूफ़ाँ
तुम ही से ख़ुमार



Credits
Writer(s): Lucky Ali, Syed Aslam Noor
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link