Thare Rahiyo O Banke Yaar

चौदहवी रात बड़ी देर के बाद आई है
ये मुलाक़ात बड़ी देर के बाद आई है
आज की रात वो आए हैं बड़ी देर के बाद
आज की रात बड़ी देर के बाद आई है

थाड़े रहियो, ओ, बाँके यार, रे
थाड़े रहियो, ओ, बाँके यार, रे
थाड़े रहियो, थाड़े रहियो, थाड़े रहियो
थाड़े रहियो, ओ, बाँके यार, रे, थाड़े रहियो

छैड़ो लगाईया नैनों में कजरा
छैड़ो लगाईया, कजरा
चोटी में गूँद आऊँ, फूलों का गजरा

मैं तो कर आऊँ १६ शृङ्गार, रे, मैं तो
मैं तो कर आऊँ १६ शृङ्गार, रे
मैं तो कर आऊँ १६ शृङ्गार, रे
कर आऊँ १६ शृङ्गार, रे, थाड़े रहियो

ध टिक, त टिक, ध-ध टिक, कृ त, ध टिक, ध
धगि टिक, धान-धान-धा
धगि टिक, धान-धान-धा
धगि टिक, धान-धान-धा

जागे ना कोई
हाँ, जागे ना कोई
जागे ना कोई
जागे ना कोई
जागे ना कोई
आ, जागे ना कोई रैना है थोड़ी
बोले छमाछम पायल निगोड़ी, बोले

निगोड़ी बोली छमाछम पायल निगोड़ी, हो
अजी, धीरे से खोलूँगी द्वार रे
सैयाँ, धीरे से...
मैं तो चुपके से...
अजी, हौले से खोलूँगी द्वार रे
सैयाँ, धीरे से खोलूँगी द्वार रे

थाड़े रहियो, थाड़े रहियो, थाड़े रहियो
थाड़े रहियो, ओ, बाँके यार, रे, बाँके यार, रे
बाँके यार रे, थाड़े रहियो



Credits
Writer(s): Ghulam Mohammad, Majrooh Sultanpuri
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