Chale Bhi Aao

चले भी आओ कि दिल का पयाम कहते हैं
चले भी आओ कि दिल का पयाम कहते हैं
उठा के जाम तुम्हारा ही नाम कहते हैं
चले भी आओ कि दिल का पयाम कहते हैं

जनाब-ए-शैख़ की मासूमियत का क्या कहना
जनाब-ए-शैख़ की मासूमियत का क्या कहना

लबों से चूम के मय को हराम कहते हैं
चले भी आओ कि दिल का पयाम कहते हैं
उठा के जाम तुम्हारा ही नाम कहते हैं
चले भी आओ कि दिल का पयाम कहते हैं

वो इत्तिफ़ाक़ से ग़ैरों की अंजुमन में तुम्हें
वो इत्तिफ़ाक़ से ग़ैरों की अंजुमन में तुम्हें

मिले तो कहना कि हम भी सलाम कहते हैं
चले भी आओ कि दिल का पयाम कहते हैं
उठा के जाम तुम्हारा ही नाम कहते हैं
चले भी आओ कि दिल का पयाम कहते हैं

हमारा नाम अगर कोई पूछता है, निज़ाम
हमारा नाम अगर कोई पूछता है, निज़ाम

तो बेख़ुदी में तुम्हारा ही नाम कहते हैं
चले भी आओ कि दिल का पयाम कहते हैं
उठा के जाम तुम्हारा ही नाम कहते हैं
चले भी आओ कि दिल का पयाम कहते हैं



Credits
Writer(s): Roopkumar Rathod, Nizamuddin Nizam
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