He Maryada Purushottam Bolo

हे, मर्यादा पुरुषोत्तम बोलो...
हे, मर्यादा पुरुषोत्तम बोलो तुमने मर्यादा क्यूँ तोड़ दी?
नकली सीता के फेर में असली सीता क्यूँ छोड़ दी?
हे राम, हे राम

जो तुम पे निछावर रहती थी तुम उस पे निछावर क्यूँ ना हुए?
जिसने दुख झेले तुम्हारे लिए तुम उसके बराबर क्यूँ ना हुए?
तुम उसके बराबर क्यूँ ना हुए?

क्या पाप किया था रानी ने...
क्या पाप किया था रानी ने जो उसकी क़िस्मत फोड़ दी?
नकली सीता के फेर में असली सीता क्यूँ छोड़ दी?
हे राम, हे राम

इस अवध की छाती पर बोलो क्यूँ पत्थर बनकर बैठे हो?
घर की लक्ष्मी को छोड़ के तुम क्यूँ ईश्वर बनकर बैठे हो?
क्यूँ ईश्वर बनकर बैठे हो?

किस कारण राजा एक सती की...
किस कारण राजा एक सती की गरदन तूने मरोड़ दी?
नकली सीता के फेर में असली सीता क्यूँ छोड़ दी?
हे राम, हे राम

क्यूँ मिथिला में शिव धनुष को तुमने तोड़ा था?
उत्तर दो, उत्तर दो
क्यूँ सीता से जीवन का नाता जोड़ा था
उत्तर दो, उत्तर दो

क्यूँ त्याग दिया तुमने अपनी परिणीता को?
क्यूँ छोड़ दिया जंगल में सती पुनीता को?

क्यूँ ठोकर मार ना दी तुमने सिंहासन को?
उत्तर दो, उत्तर दो
क्यूँ ठोकर मार ना दी तुमने इस शासन को?
उत्तर दो, उत्तर दो

तुम जान के भी अनजान बनो मत, राजा
इंसान बनो, इंसान बनो
इंसान बनो, भगवान बनो मत, राजा

भगवान बनो मत, राजा
भगवान बनो मत, राजा



Credits
Writer(s): Anandji V Shah, Kalyanji Virji Shah, Manian Pradeep
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