Main Zindagi Ka Sath Nibhata Chala

मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ा

बरबादियों का सोग मनाना फ़िज़ूल था
बरबादियों का सोग मनाना फ़िज़ूल था
मनाना फ़िज़ूल था, मनाना फ़िज़ूल था

बरबादियों का जश्न मनाता चला गया
बरबादियों का जश्न मनाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ा

जो मिल गया उसी को मुक़द्दर समझ लिया
जो मिल गया उसी को मुक़द्दर समझ लिया
मुक़द्दर समझ लिया, मुक़द्दर समझ लिया

जो खो गया मैं उसको भुलाता चला गया
जो खो गया मैं उसको भुलाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ा

ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ
ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ
न महसूस हो जहाँ, न महसूस हो जहाँ

मैं दिल को उस मक़ाम पे लाता चला गया
मैं दिल को उस मक़ाम पे लाता चला गया
मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया



Credits
Writer(s): Jaidev, Ludiavani Sahir
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