Do Ankhiyan Jhuki Jhuki Si

दो अखियाँ झुकी-झुकी सी
दो अखियाँ झुकी-झुकी सी
दो अखियाँ झुकी-झुकी सी
दो अखियाँ झुकी-झुकी सी

कलियों से नाज़ुक होंठों पर
कविता रुकी-रुकी सी
दो अखियाँ झुकी-झुकी सी
दो अखियाँ झुकी-झुकी सी

शरमाती पलकों में सपने जब आँख-मिचौली खेलें
शरमाती पलकों में सपने जब आँख-मिचौली खेलें
लहराती ज़ुल्फ़ें मुखड़े को साए में जब ले-ले

इक ख़ुशबू उड़ी-उड़ी सी
दो अखियाँ झुकी-झुकी सी

कलियों से नाज़ुक होंठों पर
कविता रुकी-रुकी सी
दो अखियाँ झुकी-झुकी सी
दो अखियाँ झुकी-झुकी सी

एक पल लागे अपनी-अपनी, और दूजे पल बेगानी
एक पल लागे अपनी-अपनी, और दूजे पल बेगानी
कुछ अंजानी सी सूरत है, कुछ जानी-पहचानी

पास आ कर छुपी-छुपी सी
दो अखियाँ झुकी-झुकी सी

मेरे दिल की ख़ामोशी में ये हलचल कौन मचाए?
मेरे दिल की ख़ामोशी में ये हलचल कौन मचाए?
इक धुँधली सी तस्वीर बने, और बनकर मिट जाए

इक हसरत दबी-दबी सी
दो अखियाँ झुकी-झुकी सी

कलियों से नाज़ुक होंठों पर
कविता रुकी-रुकी सी
दो अखियाँ झुकी-झुकी सी
दो अखियाँ झुकी-झुकी सी



Credits
Writer(s): Rajinder Krishan, Salil Choudhury
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