Mangal Bhavan Amangal Hari (Version 2)

सीता राम चरित अति पावन
मधुर सरस और अति मन भावन
ओ, पुनि पुनि कितनेहू सुने सुनाये
हिय की प्यास भुजत न भुजाये

(राम, सिया राम, सिया राम, जय-जय राम...)
रामायण सुर तरु की छाया
दुख भय दूर निकट जो आया
नाना भाँति राम अवतारा
रामायन सत कोटि अपारा



Credits
Writer(s): Ravindra Jain
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