Na Tum Hamne Jano

म्म...
मगर लगता है कुछ ऐसा, मिल गया
न तुम हमें जानो
न हम तुम्हें जानें
मगर लगता है कुछ ऐसा
मेरा हमदम मिल गया

ये मौसम ये रात चुप है
ये होंठों की बात चुप है
खामोशी सुनाने लगी, है दास्तां
ये मौसम ये रात चुप है
ये होंठों की बात चुप है, खामोशी सुनाने लगी, है दास्तां
नज़र बन गई है, दिल की ज़ुबां
न तुम हमें जानो, न हम तुम्हें जानें
मगर लगता है कुछ ऐसा, मेरा हमदम मिल गया

मुहब्बत के मोड़ पे हम
मिले सबको छोड़ के हम
धड़कते दिलों का लेके, ये कारवां
मुहब्बत के मोड़ पे हम, मिले सबको छोड़ के हम
धड़कते दिलों का लेके, ये कारवां, चले आज दोनों, जाने कहाँ
न तुम हमें जानो, न हम तुम्हें जानें
मगर लगता है कुछ ऐसा, मेरा हमदम मिल गया



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, S.d. Burman
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