Faasla Rahe Na Aaj

फ़ासला रहे ना आज, एक हो जाएँ
तोड़ के रस्म-ओ-रिवाज एक हो जाएँ
फ़ासला रहे ना आज, एक हो जाएँ
तोड़ के रस्म-ओ-रिवाज एक हो जाएँ

मैंने तेरी धड़कनों को सुन लिया, जानम
मैंने तेरी धड़कनों को सुन लिया, जानम
मैंने तुझ को मीत अपना चुन लिया, जानम
कुछ भी सोचे ये समाज, एक हो जाएँ
तोड़ के रस्म-ओ-रिवाज एक हो जाएँ

वक़्त जो गुज़रा अभी तक बोझ सा गुज़रा
वक़्त जो गुज़रा अभी तक बोझ सा गुज़रा
मिल के तुझ से ज़िंदगी का कर्ज़ तो उतरा
आज से अपने मिज़ाज एक हो जाएँ
तोड़ के रस्म-ओ-रिवाज एक हो जाएँ

धूप में साया बनो, साए में हमसाया
धूप में साया बनो, साए में हमसाया
शुक्रिया तेरा मेरे ज़ख़्मों को सहलाया
क्यूँ रहे थोड़ी भी लाज? एक हो जाएँ
तोड़ के रस्म-ओ-रिवाज एक हो जाएँ

फ़ासला रहे ना आज, एक हो जाएँ
तोड़ के रस्म-ओ-रिवाज एक हो जाएँ



Credits
Writer(s): Johri Rajesh, Ajit Singh
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