Jaisi Ho Waisi Raho - Pavitra Rishta Song

जैसी हो वैसी रहो, बदलो नहीं ज़रा सा भी
मेरी हो, मेरी रहो, सोचो नहीं ज़रा सा भी
जैसी हो वैसी रहो, बदलो नहीं ज़रा सा भी
मेरी हो, मेरी रहो, सोचो नहीं ज़रा सा भी
जैसी हो वैसी रहो...

रुकता है वक्त कहाँ यहाँ किसी के लिए, सब कुछ बदलता है
पर है क़सम तुम्हें, तुम ना बदलना कभी, देखो
थोड़ी सी उमर जो है पास बची, सुनो, संग-संग गुज़ारेंगे
सुख-दुख बाँट लेंगे, तुम साथ मेरा 'गर दो तो

ये जो पल आया है, आएगा ना फिर कभी
सीने से लिपटी रहो, सोचो नहीं ज़रा सा भी
जैसी हो वैसी रहो, बदलो नहीं ज़रा सा भी
मेरी हो, मेरी रहो, सोचो नहीं ज़रा सा भी
जैसी हो वैसी रहो...

मैंने तो तुम्हारे लिए चाँद-सितारों को धागे में पिरोया है
जुगनू की रोशनी भी लेके आया हूँ, ज़रा देखो
ख़ुशबू तुम्हारी मैंने बाँध के रखी है अपने सिरहाने पे
रात-भर जगता हूँ, नींदें ज़रा तुम लौटा दो

"हाँ" कहो, और मुझे पास में आने दो
ये ज़मीं और आसमाँ एक हो जाने दो
जैसी हो वैसी रहो, बदलो नहीं ज़रा सा भी
मेरी हो, मेरी रहो, सोचो नहीं ज़रा सा भी
जैसी हो वैसी रहो...



Credits
Writer(s): Rashmi Virag, Vinay Ram Tiwari
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