Hamse Ka Bhool Huyi

हमसे का भूल हुई, जो ये सज़ा हमका मिली
हमसे का भूल हुई, जो ये सज़ा हमका मिली
अब तो चारों ही तरफ़ बंद है दुनिया की गली
हमसे का भूल हुई, जो ये सज़ा हमका मिली

दिल किसी का ना दुखे, हमने बस इतना चाहा
पाप से दूर रहे, झूठ से बचना चाहा
पाप से दूर रहे, झूठ से बचना चाहा

उसका बदला ये मिला, उल्टी छुरी हमपे चली
अब तो चारों ही तरफ़ बंद है दुनिया की गली

हमसे का भूल हुई, जो ये सज़ा हमका मिली

हमपे इल्ज़ाम ये है, चोर को क्यूँ चोर कहा
क्यूँ सही बात कही, काहे ना कुछ और कहा
क्यूँ सही बात कही, काहे ना कुछ और कहा

ये है इंसाफ़ तेरा, वाह रे, दाता की गली
अब तो चारों ही तरफ़ बंद है दुनिया की गली

हमसे का भूल हुई, जो ये सज़ा हमका मिली

अब तो ईमान, धरम की कोई क़ीमत ही नहीं
जैसे सच बोलने वालों की ज़रूरत ही नहीं
जैसे सच बोलने वालों की ज़रूरत ही नहीं

ऐसी दुनिया से तो दुनिया तेरी वीरान भली
अब तो चारों ही तरफ़ बंद है दुनिया की गली

हमसे का भूल हुई, जो ये सज़ा हमका मिली
हमसे का भूल हुई, जो ये सज़ा हमका मिली

ठोकरें हमको क़ुबूल, राह किसी को मिल जाए
हम हुए ज़ख़्मी तो क्या, दूजे का गुलशन खिल जाए
हम हुए ज़ख़्मी तो क्या, दूजे का गुलशन खिल जाए
दाग़ सब हमको मिले, यार को सब फूल, कली

दाग़ सब हमको मिले, यार को सब फूल, कली

ज़िंदगानी की शमा बुझ के अगर रह जाए
ये समझ लेंगे कि हम आज किसी काम आए
ये समझ लेंगे कि हम आज किसी काम आए
जोत अपनी जो बुझी, यार के जीवन में जले

जोत अपनी जो बुझी, यार के जीवन में जले



Credits
Writer(s): S D Burman, Majrooh Sultanpuri
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