Meri Padosan Jawan Ho Gayi

मेरी पड़ोसन, हाय
मेरी पड़ोसन जवाँ हो गई है
गुल से वो अब तो गुलिस्ताँ हो गई है
हो दूर तो देख कर मुस्कुराए
जब पास आए तो वो शरमाए
लगता है मुझपे मेहरबाँ हो गई है

मेरा पड़ोसी जवाँ हो गया है
ज़ालिम, बड़ा शैताँ हो गया है
खिड़की से खिड़की पे मुझको बुलाए
बिल्कुल डरे ना, वो सीटी बजाए
मेरी मौत का सामाँ हो गया है

मेरी पड़ोसन, हो-हो
मेरा पड़ोसी, हो-हो-हो
जवानी, हाय, जवानी, ख़ज़ाना ही ख़ज़ाना
बना हूँ मैं शिकारी, लगे कैसा निशाना?
उसे नज़दीक लाऊँ, करूँ मैं क्या बहाना
हुआ हूँ मैं दीवाना, करेगा क्या ज़माना

ये सोच कर एक ख़त लिख दिया
ये देखो, उसका जवाब आ गया
इस ख़त में हर बात "हाँ" हो गई है

मेरी पड़ोसन जवाँ हो गई है
मेरा पड़ोसी जवाँ हो गया है
कभी collar चढ़ाए, कभी collar उतारे
कभी आकर गली में मुझे कंकर से मारे
कभी वो छत पे आके करे मुझको इशारे
कभी गाए वो गाना, कभी मुझको पुकारे

मुझसे कहे, "मिल, अकेले में आ
बाज़ार चल, या तो मेले में आ"
जीना ही मुश्किल, तौबा, हो गया है

मेरी पड़ोसन जवाँ हो गई है
गुल से वो अब तो गुलिस्ताँ हो गई है
हो दूर तो देख कर मुस्कुराए
जब पास आए तो वो शरमाए
लगता है मुझपे मेहरबाँ हो गई है

मेरी पड़ोसन जवाँ हो गई है
मेरा पड़ोसी जवाँ हो गया है
मेरी पड़ोसन जवाँ हो गई है
मेरा पड़ोसी जवाँ हो गया है



Credits
Writer(s): Hari Arjun, Sikander Bharti
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