Duniya Kisi Ke Pyar Mein Jannat Se Kam Nahin

दुनिया किसी के प्यार में जन्नत से कम नहीं
दुनिया किसी के प्यार में जन्नत से कम नहीं
एक दिलरुबा है दिल में जो हूरों से कम नहीं
दुनिया किसी के प्यार में जन्नत से कम नहीं
दुनिया किसी के प्यार में

तुम बादशाह-ए-हुस्न हो हुस्न-ए-जहान हो
तुम बादशाह-ए-हुस्न हो हुस्न-ए-जहान हो
जान-ए-वफ़ा हो और मुहब्बत की शान हो
जलवे तुम्हारे हुस्न के तारों से कम नहीं
दुनिया किसी के प्यार में जन्नत से कम नहीं
दुनिया किसी के प्यार में

भूले से मुस्कराओ तो मोती बरस पड़ें
भूले से मुस्कराओ तो मोती बरस पड़ें
पलकें उठा के देखो तो कलियाँ भी हँस पड़ें
ख़ुश्बू तुम्हारी ज़ुल्फ़ की फुलों से कम नहीं
दुनिया किसी के प्यार में जन्नत से कम नहीं
दुनिया किसी के प्यार में

देखा तुम्हे तो चाँद भी शर्मा के रह गया
देखा तुम्हे तो चाँद भी शर्मा के रह गया
हमने नज़र मिलाई तो दिल आके बह गया
परछाईं भी तुम्हारी तो ग़ज़लों से कम नहीं
दुनिया किसी के प्यार में जन्नत से कम नहीं

दुनिया किसी के प्यार में जन्नत से कम नहीं
एक दिलरुबा है दिल में जो हूरों से कम नहीं
दुनिया किसी के प्यार में जन्नत से कम नहीं
दुनिया किसी के प्यार में हो



Credits
Writer(s): Dagh Dehlavi, Mohd. Lal Iqbal
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link