Ae Husn Zara Jaag Tujhe Ishq

ऐ हुस्न, ज़रा जाग तुझे इश्क़ जगाए
ऐ हुस्न, ज़रा जाग तुझे इश्क़ जगाए
बदले मेरी तक़दीर जो तू होश में आए
ऐ हुस्न, ज़रा जाग तुझे इश्क़ जगाए

ये प्यार के नग़में, ये मोहब्बत के तराने
तुझको बड़े अरमान से आया हूँ सुनाने
उम्मीद मेरे दिल की कहीं टूट ना जाए
ऐ हुस्न, ज़रा जाग तुझे इश्क़ जगाए

साज़-ए-दिल-ए-ख़ामोश में एक सोज़ जगा दे
तू भी मेरी आवाज़ में आवाज़ मिला दे
आया हूँ तेरे दर पे बड़ी आस लगाए
ऐ हुस्न, ज़रा जाग तुझे इश्क़ जगाए

ऐ शम्मा, तू आजा ज़रा चिलमन से निकल के
हसरत है कि रहा जाऊँ तेरी आग में जल के
परवाना वो क्या, तुझ पे जो मिटकर ना दिखाए

ऐ हुस्न, ज़रा जाग तुझे इश्क़ जगाए
बदले मेरी तक़दीर जो तू होश में आए
ऐ हुस्न, ज़रा जाग तुझे इश्क़ जगाए



Credits
Writer(s): Shakeel Badayuni, Naushad
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