Diwana Aadmi Ko Banati Hai

दीवाना आदमी को बनाती हैं रोटियाँ
दीवाना आदमी को बनाती हैं रोटियाँ
ख़ुद नाचती हैं, सबको नचाती हैं रोटियाँ
नचाती हैं रोटियाँ
दीवाना आदमी को बनाती हैं रोटियाँ

बूढ़ा चलाए ठेले को फाँकों से झूल के
बच्चा उठाए बोझ खिलौनों को भूल के
बच्चा उठाए बोझ खिलौनों को भूल के

देखा ना जाए जो...
देखा ना जाए जो सो दिखाती हैं रोटियाँ
दिखाती हैं रोटियाँ
दीवाना आदमी को बनाती हैं रोटियाँ
दीवाना आदमी को बनाती हैं रोटियाँ

बैठी है जो चेहरे पे मल के जिगर का ख़ूँ
दुनिया बुरा कहे इन्हें, पर मैं तो ये कहूँ
दुनिया बुरा कहे इन्हें, पर मैं तो ये कहूँ

कोठे पे बैठ, ओ
कोठे पे बैठ आँख लड़ाती हैं रोटियाँ
लड़ाती हैं रोटियाँ
दीवाना आदमी को बनाती हैं रोटियाँ
दीवाना आदमी को बनाती हैं रोटियाँ

कहता था इक फ़क़ीर कि रखना ज़रा नज़र
रोटी को आदमी ही नहीं खाते, बे-ख़बर
रोटी को आदमी ही नहीं खाते, बे-ख़बर

अक्सर तो आदमी को...
अक्सर तो आदमी को खाती हैं रोटियाँ
खाती हैं रोटियाँ
दीवाना आदमी को बनाती हैं रोटियाँ
दीवाना आदमी को बनाती हैं रोटियाँ

तुझको पते की बात बताऊँ मैं, जान-ए-मन
क्यूँ चाँद पर पहुँचने की इंसाँ को है लगन
क्यूँ चाँद पर पहुँचने की इंसाँ को है लगन

इंसाँ को चाँद में...
इंसाँ को चाँद में नज़र आती हैं रोटियाँ
नज़र आती हैं रोटियाँ

दीवाना आदमी को बनाती हैं रोटियाँ
दीवाना आदमी को बनाती हैं रोटियाँ
ख़ुद नाचती हैं, सबको नचाती हैं रोटियाँ
नचाती हैं रोटियाँ
दीवाना आदमी को बनाती हैं रोटियाँ



Credits
Writer(s): Chitragupta, Majrooh Sultanpuri
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link