Zu Zu Zu, Pt. 1

ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू
ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू
ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू
ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू

यशोदा का नंदलाला बृज का उजाला है
मेरे लाल से तो सारा जग झिलमिलाए

ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू
ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू

यशोदा का नंदलाला बृज का उजाला है
मेरे लाल से तो सारा जग झिलमिलाए

रात ठंडी-ठंडी हवा गाके सुलाए
भोर गुलाबी पलकें चूम के जगाए

यशोदा का नंदलाला बृज का उजाला है
मेरे लाल से तो सारा जग झिलमिलाए

ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू
ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू
ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू
ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू

दो आँखों में तुझे बसा के जाने कब से जागूँ
तू माँगे तो जान भी दे दूँ, तुझसे कुछ ना माँगूँ
खोल तू आँखें, देख, यहाँ हूँ
और नहीं कोई, मैं तेरी माँ हूँ

ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू
ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू

तेरे लिए कैसे-कैसे सपने सजाए
मेरे लाल से तो सारा जग झिलमिलाए

यशोदा का नंदलाला बृज का उजाला है
मेरे लाल से तो सारा जग झिलमिलाए

ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू
ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू
ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू
ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू

जाने कब से आती-जाती साँस कहाँ थम जाए
एक मुरझाता फूल टूट के डाल से कब गिर जाए

तो जो मुझे "माँ", "माँ", "माँ", "माँ"
तू जो मुझे "माँ" कह के बुलाए
रूह को मेरी चैन आ जाए
रूह को मेरी चैन आ जाए

ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू
ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू

सो जाऊँ ऐसे, फिर ना जागूँ मैं जगाए
मेरे लाल से तो सारा जग झिलमिलाए

यशोदा का नंदलाला बृज का उजाला है
मेरे लाल से तो सारा जग झिलमिलाए

रात ठंडी-ठंडी हवा गाके सुलाए
भोर गुलाबी पलकें चूम के जगाए

ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू
ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू
ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू
ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू

ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू
ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू
ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू
ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू-ज़ू



Credits
Writer(s): Laxmikant Pyarelal, Faruk Kaiser
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