Na Chah Ke Bhi (From "5 Weddings")

मना किया था
लबों को अपने
के नाम तेरा
ले ना कभी

रोका बहुत के
ये चेहरा तेरा
ख्वाबो को अपने
दे ना कभी

कुछ नही है पहले जैसा
आज कल सब नया है
कुछ अलग सा लग रहा है
ये जो हैं सिलसिला

ना चाह के भी
ना जाने क्यूँ तेरा हो गया
ना जाने क्यूँ तेरा हो गया
मना किया था

मेरे आगे क्यूँ बिछे हैं
इश्कवाले धागे-धागे
उसमे लिपटा सा मिल गया
तू मिल गया

सादे-सादे थे इरादे
आधे-आधे जो थे वादे
आके तू इनसे, क्यूँ जुड़ गया?
जुड़ गया

हाथों मे हो हाथ तेरे
तो सफ़र का मज़ा है
जिस सफ़र मे तुम ना हो तो
वो महज़ इक सज़ा
ना चाह के भी

ना जाने क्यूँ तेरा हो गया
ना चाह के भी
ना जाने क्यूँ तेरा हो गया

थोड़ा-थोड़ा करते देखो
सारे हुए तुम्हारे हम
मीठे-मीठे होने लगे
पहले तो हम थे खरे हम

मैं कोरा सा काग़ज़
जिसकी स्याही तूही
पढ़ते हैं सब मुझको
आओ तुम भी पढ़ो

ना कभी होता ना था
जाने क्यूँ हो गया

ना चाह के भी
ना जाने क्यूँ तेरा हो गया
ना चाह के भी
ना जाने क्यूँ तेरा हो गया



Credits
Writer(s): Abhendra Kumar Upadhyay, Vishal Mishra
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