Aye Zindagi

ऐ ज़िंदगी, धीरे से चल
ऐ ज़िंदगी, धीरे से चल
कहीं हाथों से ना लम्हा फिसल जाए
कहीं ऐसा ना हो छू के गुज़र जाए
खुल के उसको गले लगा लूँ, ज़रा थम जा

ऐ ज़िंदगी, धीरे से चल
कहीं हाथों से ना लम्हा फिसल जाए
कहीं ऐसा ना हो, छू के गुज़र जाए
खुल के उसको गले लगा लूँ, ज़रा थम जा
ऐ ज़िंदगी...

तारों-भरी इस रात में चाँद ज़रूरी है
तेरा मेरे पास यहाँ होना ज़रूरी है
तुम्हें अपनी आँखों से मैं
छुऊँगा तो चैन आएगा

कहीं ऐसा ना हो, आधा ही रह जाए
ख़्वाब मेरा कहीं ख़ाली ना घर जाए
खुल के उसको गले लगा लूँ, ज़रा थम जा
ऐ ज़िंदगी, धीरे से चल

बरसों से मैं तेरे प्यार में
रोता भी हूँ, हँसता भी हूँ
कभी काश कुछ ऐसा भी हो

तू भी मेरे लिए दो बूँद रो जाए
तेरी बातों में जो मेरा ज़िकर आए
खुल के तुझको गले लगा लूँ, ज़रा थम जा
ऐ ज़िंदगी, धीरे से चल



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Sandesh Shandilya
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