Are Dwarpaalo Kanhaiya Se Kehdo (Krishna Bhent Bhajan)

अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो
अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो
के दर पे सुदामा गरीब आ गया है
(के दर पे सुदामा गरीब आ गया है)

भटकते-भटकते ना जाने कहाँ से
भटकते-भटकते ना जाने कहाँ से
तुम्हारे महल के करीब आ गया है
(तुम्हारे महल के करीब आ गया है)

अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो
के दर पे सुदामा गरीब आ गया है
(के दर पे सुदामा गरीब आ गया है)

ना सर पे है पगड़ी, ना तन पे है जामा
बता दो कन्हैया को नाम है सुदामा
बता दो कन्हैया को नाम है सुदामा
(बता दो कन्हैया को नाम है सुदामा)

ना सर पे है पगड़ी, ना तन पे है जामा
बता दो कन्हैया को नाम है सुदामा
(बता दो कन्हैया को नाम है सुदामा)

एक बार मोहन से जाकर के कह दो
के मिलने सखा बद नसीब आ गया है
के मिलने सखा बद नसीब आ गया है
(के मिलने सखा बद नसीब आ गया है)

सुनते ही दौड़े चले आये मोहन
लगाया गले से सुदामा को मोहन
लगाया गले से सुदामा को मोहन
(लगाया गले से सुदामा को मोहन)

सुनते ही दौड़े चले आये मोहन
लगाया गले से सुदामा को मोहन
(लगाया गले से सुदामा को मोहन)

हुआ रुक्मणि को बहुत ही अचम्भा
ये मेहमान कैसा अजीब आ गया है
ये मेहमान कैसा अजीब आ गया है
(ये मेहमान कैसा अजीब आ गया है)

भटकते-भटकते ना जाने कहाँ से
भटकते-भटकते ना जाने कहाँ से
तुम्हारे महल के करीब आ गया है
(तुम्हारे महल के करीब आ गया है)

अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो
के दर पे सुदामा गरीब आ गया है
(के दर पे सुदामा गरीब आ गया है)
(के दर पे सुदामा गरीब आ गया है)



Credits
Writer(s): Traditional, Amjad Nadeem
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