Dekho Jata Hai Koi

देखो, जाता है कोई ग़म का सहारा ले कर
अपने कंधों पे मोहब्बत का जनाज़ा ले कर

अपना ही घर लुटाने दीवाना जा रहा है
ख़ुद शम्मा को बुझाने परवाना जा रहा है
अपना ही घर लुटाने...

ये भी नज़ारा देखो, ओ, प्यार करने वालों
ओ, प्यार करने वालों
ये भी नज़ारा देखो, ओ, प्यार करने वालों
ओ, प्यार करने वालों

एक आँसुओं में डूबा अफ़साना जा रहा है
ख़ुद शम्मा को बुझाने परवाना जा रहा है
अपना ही घर लुटाने...

ख़ामोश है मोहब्बत, फ़रियाद रो रही है
फ़रियाद रो रही है
ख़ामोश है मोहब्बत, फ़रियाद रो रही है
फ़रियाद रो रही है

अपना ही आज बनकर बेगाना जा रहा है
ख़ुद शम्मा को बुझाने परवाना जा रहा है
अपना ही घर लुटाने...

अपना ही घर लुटाने...
अपना ही घर लुटाने...
अपना ही घर लुटाने...



Credits
Writer(s): Jalalabadi Qamar, Bhagatram Devichand Sharma, Husanlal Devichand Sharma
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